बालमन के उदगार
माँ तेरे क्लोन बनवाऊँगा ,
माँ तेरे क्लोन बनवाऊँगा ।
माँ आज मैंने टीवी किया ऑन ,
वैज्ञानिक बना सकते हैं क्लोन ।
जब ये समाचार टीवी पर देखा ,
आई होंठो पर ख़ुशी की रेखा ।
बैंक से ढेर सारा लूँगा लोन ,
कई सारे बनवाऊँगा क्लोन ।
तेरे सारे क्लोन घर लाऊँगा ,
माँ तेरे क्लोन बनवाऊँगा ।
एक से तू खाना बनवाना ,
दूजे से बर्तन मंजवाना ।
तीजे से कपड़े धुलवाना ,
चौथे से झाड़ू लगवाना ।
सुबह , दोपहर या हो शाम ,
क्लोन ही करेंगे सारे काम ।
क्लोन से ही होमवर्क करवाऊँगा ,
माँ तेरे क्लोन बनवाऊँगा ।
माँ तू ही करती है सबकी चिन्ता ,
पर तेरी ही कदर कोई न करता ।
क्लोन ही दादी-दादा की डाँट खाएँगे ,
पापा क्लोन की ही फटकार लगाएँगे ।
क्लोन के खाते में सारी डाँट जाएगी ,
ये देखकर मुझे कितनी हँसी आएगी ।
माँ तेरे दुःख दूर करवाऊँगा ,
माँ तेरे क्लोन बनवाऊँगा ।
तेरा काम करना न आता रास ,
तू सोफे पर बैठना मेरे पास ।
माँ तेरे क्लोन जो बनाएँगे खाना ,
वो भी होगा स्वाद का खजाना ।
क्लोन माँ ही सारे काम करेगी ,
और तू बिल्कुल भी न थकेगी ।
क्लोन से तेरे पैर दबवाऊँगा ,
माँ तेरे क्लोन बनवाऊँगा ।
माँ के उदगार
अच्छा जी छोटे राजकुमार ,
बड़े अच्छे हैं आपके विचार ।
जब सारे ही काम करेंगे क्लोन ,
तो तुम्हारी माँ को पूछेगा कौन ।
सब क्लोन को ही पुकारेंगे ,
तेरी माँ को तो दुत्कारेंगे ।
क्लोन को इस घर में न लाना ,
बेटा तू मेरे क्लोन न बनवाना ।
डाँट उसकी तो प्रशंसा भी उसकी ,
फिर तेरी माँ प्यारी होगी किसकी ।
जो क्लोन अच्छा खाना बनाएगी ,
वही तो सबका आशीर्वाद पाएगी ।
जो दादी माँ के पैर दबाएगी ,
वही तो ढेर दुआएँ कमाएगी ।
क्लोनिंग में दिमाग न लगाना ,
बेटा तू मेरे क्लोन न बनवाना ।
काम करने में भला क्या जाता है ,
काम करके ही तो नाम हो पाता है ।
कर्त्तव्यों से ही जीवन का अर्थ ,
कर्त्तव्य बिना ये जीवन व्यर्थ ।
मेहनत करके अच्छी नींद आती है ,
वर्ना करवटों में रात गुजर जाती है ।
मुझे मेहनत से दूर न करवाना ,
बेटा तू मेरे क्लोन न बनवाना ।
न कोई काशी न कोई हरिद्वार ,
सबसे अच्छा लगता परिवार ।
सबके चेहरे पर जो आए मुस्कान ,
तो झट से उतर जाए मेरी थकान ।
बिन क्लोन मैं ही घर को सम्भालूँगी ,
चार पल तेरे लिए जरूर निकालूँगी ।
क्लोन से मेरे हक न छिनवाना ,
बेटा तू मेरे क्लोन न बनवाना ।
रचनाकार
प्रांजल सक्सेना
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माँ तेरे क्लोन बनवाऊँगा ,
माँ तेरे क्लोन बनवाऊँगा ।
माँ आज मैंने टीवी किया ऑन ,
वैज्ञानिक बना सकते हैं क्लोन ।
जब ये समाचार टीवी पर देखा ,
आई होंठो पर ख़ुशी की रेखा ।
बैंक से ढेर सारा लूँगा लोन ,
कई सारे बनवाऊँगा क्लोन ।
तेरे सारे क्लोन घर लाऊँगा ,
माँ तेरे क्लोन बनवाऊँगा ।
एक से तू खाना बनवाना ,
दूजे से बर्तन मंजवाना ।
तीजे से कपड़े धुलवाना ,
चौथे से झाड़ू लगवाना ।
सुबह , दोपहर या हो शाम ,
क्लोन ही करेंगे सारे काम ।
क्लोन से ही होमवर्क करवाऊँगा ,
माँ तेरे क्लोन बनवाऊँगा ।
माँ तू ही करती है सबकी चिन्ता ,
पर तेरी ही कदर कोई न करता ।
क्लोन ही दादी-दादा की डाँट खाएँगे ,
पापा क्लोन की ही फटकार लगाएँगे ।
क्लोन के खाते में सारी डाँट जाएगी ,
ये देखकर मुझे कितनी हँसी आएगी ।
माँ तेरे दुःख दूर करवाऊँगा ,
माँ तेरे क्लोन बनवाऊँगा ।
तेरा काम करना न आता रास ,
तू सोफे पर बैठना मेरे पास ।
माँ तेरे क्लोन जो बनाएँगे खाना ,
वो भी होगा स्वाद का खजाना ।
क्लोन माँ ही सारे काम करेगी ,
और तू बिल्कुल भी न थकेगी ।
क्लोन से तेरे पैर दबवाऊँगा ,
माँ तेरे क्लोन बनवाऊँगा ।
माँ के उदगार
अच्छा जी छोटे राजकुमार ,
बड़े अच्छे हैं आपके विचार ।
जब सारे ही काम करेंगे क्लोन ,
तो तुम्हारी माँ को पूछेगा कौन ।
सब क्लोन को ही पुकारेंगे ,
तेरी माँ को तो दुत्कारेंगे ।
क्लोन को इस घर में न लाना ,
बेटा तू मेरे क्लोन न बनवाना ।
डाँट उसकी तो प्रशंसा भी उसकी ,
फिर तेरी माँ प्यारी होगी किसकी ।
जो क्लोन अच्छा खाना बनाएगी ,
वही तो सबका आशीर्वाद पाएगी ।
जो दादी माँ के पैर दबाएगी ,
वही तो ढेर दुआएँ कमाएगी ।
क्लोनिंग में दिमाग न लगाना ,
बेटा तू मेरे क्लोन न बनवाना ।
काम करने में भला क्या जाता है ,
काम करके ही तो नाम हो पाता है ।
कर्त्तव्यों से ही जीवन का अर्थ ,
कर्त्तव्य बिना ये जीवन व्यर्थ ।
मेहनत करके अच्छी नींद आती है ,
वर्ना करवटों में रात गुजर जाती है ।
मुझे मेहनत से दूर न करवाना ,
बेटा तू मेरे क्लोन न बनवाना ।
न कोई काशी न कोई हरिद्वार ,
सबसे अच्छा लगता परिवार ।
सबके चेहरे पर जो आए मुस्कान ,
तो झट से उतर जाए मेरी थकान ।
बिन क्लोन मैं ही घर को सम्भालूँगी ,
चार पल तेरे लिए जरूर निकालूँगी ।
क्लोन से मेरे हक न छिनवाना ,
बेटा तू मेरे क्लोन न बनवाना ।
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